बुधवार, 5 अगस्त 2015

मेट्रो रेल

मेट्रो रेल

मेट्रो रेल में स्वागत आपका मीठी आवाज आती है
छूक छूक वाली रेल नहीं, ये रेल बहुत निराली है,
वातानुकूल डिब्बे है इसके, गर्मी नहीं सताती
बिना थकान बच्चो –बुज़र्गों सभी को, सुंदर सफर करती है
-------- छूक छूक वाली रेल नहीं, ये रेल बहुत निराली है (1)

 

आरक्षित रख डिब्बा महिला वर्ग का
नारी सम्मान किया, आधुनिकता के दौर में,
संस्कृति अपनी का एक नया प्रमाण दिया
-------- छूक छूक वाली रेल नहीं, ये रेल बहुत निराली है (2)

 

दौड़ धूप की जंग में, कीमती वक्त बचाया
ट्रेफिक जाम नहीं, लाल बत्ती सब ग्रीन हुए
छूट गई गाड़ी, अब घंटो का इंतजार नहीं
पहुंचाने मंजिल अपनी तुम्हें, लम्हो में,
फिर से जल्द ही मेट्रो आ जाती है
-------- छूक छूक वाली रेल नहीं, ये रेल बहुत निराली है,

 

यात्री गण कृपया ध्यान दे,
अगला स्टेशन आने को है,
दाँय-बाँय खुलेगे दरवाजे,
पहले ही बताती है
शिक्षित-प्रशिक्षित सेवक संग नवीनतम यंत्रो से
मेट्रो की शान निराली है
लंबे सफर को छोटा कर
अपने यात्रियो घर पहुँचती है
मेट्रो रेल में स्वागत आपका मीठी आवाज आती है
-------- छूक छूक वाली रेल नहीं, ये रेल बहुत निराली है

                                                                                    *** सौण परी 

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