मंगलवार, 24 फ़रवरी 2015

माँ का राजदुलारा बेटा

माँ का राजदुलारा बेटा

ममता भरे स्पर्श से खिला रहा चुनमुन बचपन मेरा
अनकही बहुत सी मन की बातेमाँ मुझसे कर जाती है
जीवन के कितने मीठे सपने  मेरे संग बुन जाती है 
***हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटामाँ मेरी ही प्यारी है (1)

गीले से सूखा बिस्तर करजाने कितनी बार
कब सोया मैकब हूँ जागामाँ को खबर लग जाती है,
मेरी इसी फिक्र मेमाँ करवट ना ले पाती है
***हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटामाँ मेरी ही प्यारी है (2)

नासाजी के आलम मेपरवा कर मेरी, माँ ना जाने
सोई नहीं वो कितनी कितनी ही रात
अपनी आधी सी अधूरी नींद मे भी, गहरी रातो मे,
प्यार भरे स्पर्श हाथो से  बार बार मुझे सहलाती है
***हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटामाँ मेरी ही प्यारी है (3)

घर के अनेकों कामों के बीचपनि अलको पालको की नजर से
माँ बार बार मुझे छु जाती हैमेरी छोटी सी हर हरकत और
एक मुस्कान मेरी पर माँ बलहारी जाती है 
*** हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटामाँ मेरी ही प्यारी है (4)

चाहे सूखी रोटी या दूध हो, चाहे फिर रसमलाई हो
खाने से पहले माँ ने, मुह का पहला निवाला  मुझे खिलाया है
फिक्र नहीं खुद के खाने कीदुघ मुझे पिलाया है
*** हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटामाँ मेरी ही प्यारी है (5)

लड़ खड़ाते ते छोटे छोटे कदमो से
गिरा मै जितनी बार, तन पे लगी हुई माटी हटाते हुए,
चींटी मर गईचींटी मर गईदेखो, बार बार मुझ उठाया है,
उंगली पकड़ा अपनीपहला कदम, धरातल पर माँ ने ही मुझे चलाया है
*** हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटामाँ मेरी ही प्यारी है (6)


तेज हवा और चिलचिलाती धूप में करती अपने आँचल की छाँव है
कोई अंधियारी या बरसाती पानी होमाँ बनती है मेरी छतरी मेरी,
खुद भीगी  पर हर तूफान से माँ ने मुझे बचाया है
*** हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटामाँ मेरी ही प्यारी है (7)


माँ की आंखो का ताराप्यारा, और दुनियाँ मे सबले न्यारा रूप बस
उसका ही निराला  बेटा राजा है, हर तिरछी नजरों सेपल पल मुझे बचाने को
नजर का टीका हाँ वही काला टीका, अक्सर रोज लगाती है 
*** हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटामाँ मेरी ही प्यारी है (8)

मेरी तुतली तुतली बोली सेमाँ शब्द मीठा सुनने को
झूठा चिड़ियाँ का पानी मुझे पिलाया है,
क ख ग या हो ए बी सी डी का हर अक्षर
पहला पाठ जीवन का माँ ने ही मुझे सिखाया है
*** हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटामाँ मेरी ही प्यारी है (9)

गर्भ से लेकर और ज़िंदगी भर, चाहे धड़ी कैसी भी हो
माँ की दुनियाँ में बस मै हूँ, देख हर पल माँ मुझे मंद मंद मुसकुराती है
जीवन पगदंडी के पग पग पर, सुख दुख जीवन के हिस्से है
ऐसा बताते हुए माँ हर बार मार्ग दर्शक बन जाती है
*** हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटामाँ मेरी ही प्यारी है (10)

*** सौण परी *** 





















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