माँ का राजदुलारा बेटा
ममता भरे स्पर्श से खिला रहा चुनमुन बचपन मेरा
अनकही बहुत सी मन की बाते, माँ मुझसे कर जाती है
जीवन के कितने मीठे सपने मेरे संग बुन जाती है
***हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटा, माँ मेरी ही प्यारी है (1)
गीले से सूखा बिस्तर कर, जाने कितनी बार
कब सोया मै, कब हूँ जागा, माँ को खबर लग जाती है,
मेरी इसी फिक्र मे, माँ करवट ना ले पाती है
***हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटा, माँ मेरी ही प्यारी है (2)
नासाजी के आलम मे, परवा कर मेरी, माँ ना जाने
सोई नहीं वो कितनी कितनी ही रात
अपनी आधी सी अधूरी नींद मे भी, गहरी रातो मे,
प्यार भरे स्पर्श हाथो से बार बार मुझे सहलाती है
***हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटा, माँ मेरी ही प्यारी है (3)
घर के अनेकों कामों के बीच, पनि अलको पालको की नजर से
माँ बार बार मुझे छु जाती है, मेरी छोटी सी हर हरकत और
एक मुस्कान मेरी पर माँ बलहारी जाती है
*** हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटा, माँ मेरी ही प्यारी है (4)
चाहे सूखी रोटी या दूध हो, चाहे फिर रसमलाई हो
खाने से पहले माँ ने, मुह का पहला निवाला मुझे खिलाया है
फिक्र नहीं खुद के खाने की, दुघ मुझे पिलाया है
*** हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटा, माँ मेरी ही प्यारी है (5)
लड़ खड़ाते ते छोटे छोटे कदमो से,
गिरा मै जितनी बार, तन पे लगी हुई माटी हटाते हुए,
चींटी मर गई, चींटी मर गई, देखो, बार बार मुझ उठाया है,
उंगली पकड़ा अपनी, पहला कदम, धरातल पर माँ ने ही मुझे चलाया है
*** हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटा, माँ मेरी ही प्यारी है (6)
तेज हवा और चिलचिलाती धूप में करती अपने आँचल की छाँव है
कोई अंधियारी या बरसाती पानी हो, माँ बनती है मेरी छतरी मेरी,
खुद भीगी पर हर तूफान से माँ ने मुझे बचाया है
*** हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटा, माँ मेरी ही प्यारी है (7)
माँ की आंखो का तारा, प्यारा, और दुनियाँ मे सबले न्यारा रूप बस
उसका ही निराला बेटा राजा है, हर तिरछी नजरों से, पल पल मुझे बचाने को
नजर का टीका हाँ वही काला टीका, अक्सर रोज लगाती है
*** हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटा, माँ मेरी ही प्यारी है (8)
मेरी तुतली तुतली बोली से, माँ शब्द मीठा सुनने को
झूठा चिड़ियाँ का पानी मुझे पिलाया है,
क ख ग या हो ए बी सी डी का हर अक्षर
पहला पाठ जीवन का माँ ने ही मुझे सिखाया है
*** हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटा, माँ मेरी ही प्यारी है (9)
गर्भ से लेकर और ज़िंदगी भर, चाहे धड़ी कैसी भी हो
माँ की दुनियाँ में बस मै हूँ, देख हर पल माँ मुझे मंद मंद मुसकुराती है
जीवन पगदंडी के पग पग पर, सुख दुख जीवन के हिस्से है
ऐसा बताते हुए माँ हर बार मार्ग दर्शक बन जाती है
*** हाँ मै हूँ अपनी माँ का बेटा, माँ मेरी ही प्यारी है (10)
*** सौण परी ***