हमारा किसान
नन्नी पौध फसल की, भर देती, मन में उल्लास
सोने से भी, सुंदर कनक के ये दाने,
जीवन से लड़ने की ताकत
खेतो की रखवाली करता मानव रूप मे भगवान
तुम्हें मेरा शत शत प्रणाम
लू के थपेड़े, ठिठरती सर्दी या फिर कोहरे वाली रात,
खिले पथरीली धरती का सीना
लहलाएँ बन धान के खेत
नन्नी पौध फसल की,
भर देती मन में उल्लास
सोने से भी, सुंदर
कनक के ये दाने, भरते कितनों के भूखे पेट,
दुश्मन से लड़ने देश की सीमा पर
आती ताकत वीर जवानो में तुम्ही से
जीवन और जीने की सीख, देता हमारा किसान
धरती माँ का सही अर्थ, तुम्ही ने बताया
है
मानव रूप मे सबका भगवान, तुम्हें मेरा शत शत प्रणाम
**** सौण परी
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